रविवार, 1 मई 2016

कविता -ममा दाई

ममा दाई आबे त
लाबे बेल
अउ कलिंदर
तरिया के पैठू
म हाबे बुचरवा
ममा दाईलाबे
बुचरवा वो
ममा दाई वो
ममा दाई वो
लाबे बोइर के
मुठिया ,
अउ लाबे
अमली के लाटा
ममा दाई वो
ममा दाई वो
झटकुन आबे
ममा दाई वो
सुधा वर्मा -1-3-2016--
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